
5 अगस्त अब वो ऐतिहासिक दिन है जब अयोध्या (Ayodhya) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) खुद अपने हाथों से श्री राम जन्मभूमि का भूमि पूजन करेंगे।
3 अगस्त से श्री रामजन्भूमि परिसर में पूजन उत्सव की शुरुआत होगी। श्री राम जन्मभूमि में रामलला के मंदिर आधारशिला कार्यक्रम की शुरुआत 3 अगस्त को गणपति पूजन से शुरू होगी। हालांकि भूमिपूजन का कार्यक्रम अपने तय समय पर 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही हाथों होगा। राम मंदिर की आधारशिला भूमि पूजन के लिए देश की पौराणिक नदियों के जल और मिट्टियों को मंगाया जा चुका है।
तीन दिन तक चलेगा पूजन उत्सव
3 अगस्त को पूजन कार्यक्रम की शुरुआत गणपति पूजन से होगी। 4 अगस्त को भगवान श्री राम की प्रसन्नता के लिए रामर्चान पूजन किया जाएगा। फिर 5 अगस्त को भूमि पूजन की आधारशिला पूजन कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शुभ मुहूर्त में किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि प्रधानमंत्री के आगमन से पहले 3 अगस्त से ही राम जन्मभूमि परिसर में पूजन उत्सव शुरू हो जाएगा। राम मंदिर की आधारशिला भूमि पूजन के लिए देश की पौराणिक नदियों के जल और मिट्टियों को मंगाया जा चुका है। प्रमुख रूप से पूज्य गंगा, यमुना, कावेरी, सरस्वती और रामगंगा सरयू के जल व मिट्टी को पूजन हेतु मंगाए गया है। सप्तसागर के जल और मिट्टी से भी पूजन किया जाएगा।
पीले रंग में रंगी अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके मद्देनजर अयोध्या में पूरे जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। धार्मिक नगरी अयोध्या को पीले रंग में तब्दील कर दिया गया है। अयोध्या में सड़क के दोनों किनारे मकान, दुकान या कोई भी कंस्ट्रक्शन हो, सभी चीजों को पीले रंग में रंगा जा रहा है।
शहर को सील करने की तैयारी
अयोध्या में भूमि पूजन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अगस्त को अयोध्या पहुंचने के मद्देनजर शहर को चारों तरफ से सील करने की तैयारी है। अयोध्या समेत फैजाबाद शहर में प्रवेश के सभी मार्गों पर इंतजामों की मॉनिटरिंग की जा रही है। बताया जा रहा है कि भूमिपूजन के मुख्य कार्यक्रम की पूर्व संध्या से किसी को भी अयोध्या में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
ट्रस्ट सभी को करेगा मंदिर निर्माण यज्ञ में शामिल
श्रीराम जन्मभूमि और रामलला से उनके हर भक्त की भावनाएं बेहद गहराई से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में वर्षों के संघर्ष के बाद जब रामलला का भव्य मंदिर बनने जा रहा है तो हर भक्त की इच्छा होगी कि वो इसका साक्षी बने। चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भूमिपूजन और आधारशिला रखने के कार्यक्रम में हर कोई शामिल नहीं हो सकता, ऐसे में रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट रामभक्तों के लिए “राम जन्म भूमि निर्माण यज्ञ” कराएगा। इस यज्ञ में राम आंदोलन से जुड़े सभी लोग प्रत्यक्ष रूप से मौजूद होकर हिस्सा ले सकेंगे।
रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति महत्वपूर्ण
1984 में प्रारंभ हुए श्री राम जन्म भूमि मन्दिर निर्माण आंदोलन में लाखों-करोड़ों राम भक्तों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग प्राप्त हुआ है। ऐसे में उन्हें भूमिपूजन में शामिल होने की इच्छा रही होगी, जिसे कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें दबानी पड़ रही है। ट्रस्ट का कहना है कि माननीय प्रधानमंत्री इस ऐतिहासिक प्रसंग पर अयोध्या आकर श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रारंभ करा दें, इसलिए भूमि पूजन आवश्यक है। फिर भी भविष्य में किसी उचित अवसर पर राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण यज्ञ में शामिल सभी राम भक्तों को एक जगह पर एक यज्ञ में सम्मिलित करने के प्रयास हो रहे हैं।
2022 की रामनवमी भव्य राम मंदिर में मनाने की ललक
महंत कमल नयन दास का कहना है कि संत समाज चाहते हैं कि वर्ष 2022 तक राम मंदिर निर्माण हो जाए. जिससे 2022 में रामनवमी भव्य तरीके से राम मंदिर में मनाई जा सके. वहीं रामानंद संप्रदाय के जगतगुरु राम दिनेशचार्य का कहना है कि रामेश्वरम से भी जल और मिट्टी को अयोध्या लाया गया है. भगवान श्री राम और शिव एक दूसरे के पूरक हैं. ऐसे में इस संबंध को स्थापित करने के लिए रामेश्वरम की मिट्टी और जल का भूमि पूजन में उपयोग की जा रही है. तीर्थों के जल व मिट्टी भारतीय सनातन परंपरा में इनका बहुत महत्व है. ऐसे में पूजन केलिए इन्हें लाया गया है।
दुनिया में सबसे 'ऊंचे' होंगे मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम
अयोध्या में भूमिपूजन के कार्यक्रम का मुहूर्त तय होते ही श्रीराम की उस प्रतिमा पर काम शुरू हो गया है जो अयोध्या ही नहीं भारत को विश्व के पटल पर सबसे ऊंचा स्थान दिलाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में भगवान श्री राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इस प्रतिमा को बनाने का जिम्मा एक बार फिर देश के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार राम सुतार को सौंपा गया है। इससे पहले भी राम सुतार ने गुजरात में सरदार पटेल की 183 मीटर ऊंची प्रतिमा डिजाइन की थी, जिसने नए कीर्तिमान रचे।
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